
बेटा: पापा मुझे भी पता है रोटी नहीं देगी,
एक लड़की : – “भगवान करे तेरी शादी इस शराबी से हो जाए…”
पापा : जिस लड़की की पसन्द ऐसी हो मैं उसे अपनी बहू नहीं बना सकता
जलेबी (फीमेल) – टूट जाएगी। पर सीधी नहीं होगी।
बंता : तेरे घर से हमेशा हसने कि आवाज़ आती हे,
एक लड़का पार्क मे पेड़ के पीछे अपनी गर्लफ्रेंड के साथ खड़ा था,
लेकिन मैं जिस ग्रुप में हूँ, उसके सारे मेंबर बहुत बेहतरीन हैं।
मनोहर: क्या एक वाईफ अपने हसबंड को लखपती बना सकती है?
आदमी : वाईफ को आज्ञाकारी और अकल्मन्द बना दो!
पंडितजी- मौन व्रत रखो बेटा, सब बढ़िया होगा!
घर की इज्जत बेटियों के हाथ में होती है और प्रॉपर्टी के कागज़ नालायकों के हाथ में हमारे भारत में लोग presents मिलने पर thanks नहीं कहते बल्कि कहते है : ही ही ही ही इसकी क्या ज़रूरत थी
लड़के वाले : पसंद तो हमें more info भी नहीं हैं अब क्या करे घर से निकल दे ?
बुढ़िया : जब अगले जन्म में भी रोटियाँ ही बनानी है तो सत्संग सुन कर क्या फायदा
पत्नी : तो फिर इतनी धीमी आवाज़ में किस लिए?